भोर ***
एक प्यार भरी मुस्कराहट
किरण की पहली आहट
खुशियों का दामन फैलायेपूरब के होंठो पर लाली छाए
आसमां लाल बिंदी लगाये
धरती सुहागिन बन जाये
पक्षी मंगल गीत गाये..
न ज्यादा तपन न ठंडक
हर इक दिल में राहत आये
सभी के चेहरे जगमगाए
भंवरे गाये, फूल मुस्काये
गाय रम्भाये..
ऐसा रूप जब दिखे
आँखे तर्प्त हो जाये
गम के आंसू धरती के सूख जाए
और प्यारी सुबह
खुशियों का पैगाम लाय....
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